H-1B वीजा महंगा! लाखों भारतीय IT-प्रोफेशनल्स की अमेरिका की नौकरी अब खतरे में

H-1B वीजा महंगा! लाखों भारतीय IT-प्रोफेशनल्स की अमेरिका की नौकरी अब खतरे में


अमेरिका ने हाल ही में H-1B वीजा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है: नई एप्लिकेशन पर US$100,000 की फीस लगाने का आदेश जारी किया गया है। यह वृद्धि भारतीय IT कंपनियों और उन हजारों भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए बड़ी चुनौती है जो अमेरिका में काम करने का सपना देख रहे हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि ये बदलाव क्या हैं, इनका असर क्या होगा, और भारतीय IT सेक्टर व प्रोफेशनल्स को किन कदमों के लिए तैयार रहना चाहिए।



H-1B में नया बदलाव क्या है?

नए H-1B वीजा आवेदन पर एक-बार की फीस के रूप में US$100,000 देना होगा।

यह फीस केवल नए एप्लिकेशन पर लागू होगी, न कि उन वीजा धारकों पर जो पहले से हैं या जिनका नवीनीकरण हो रहा है।

यह नियम 21 सितंबर 2025 से लागू होगा। कई कंपनियों ने अपने H-1B कर्मचारियों को अमेरिका वापस आने की सलाह दी है ताकि नया नियम उन्हें प्रभावित न करे।



भारत पर प्रभाव: कहां है झटका?

1. IT कंपनियों पर लागत का भारी दबाव
भारतीय IT कंपनियों को बड़े-पैमाने पर नुकसान होगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी को 10,000 नए H-1B वीजा चाहिए हों, तो सिर्फ फीस के रूप में ही अरबों रुपये का बोझ आ सकता है।


2. भविष्य की नौकरी योजनाएँ प्रभावित होंगी
कंपनियाँ अपनी भर्ती रणनीतियों और ऑन-शोर प्रोजेक्ट डिप्लॉयमेंट पर फिर से विचार करेंगी। हो सकता है कि कंपनियाँ H-1B वीजा पर कम निर्भर होकर स्थानीय कर्मचारियों को प्राथमिकता दें।


3. प्रोफेशनल्स की नौकरी-मोबिलिटी और करियर पर असर
मिड-लेवल प्रोफेशनल्स और एंट्री-लेवल कर्मचारियों को नुकसान होगा क्योंकि कंपनियों के लिए उन्हें अमेरिका भेजना आर्थिक रूप से महंगा साबित होगा। इससे करियर प्लान और विदेश में नौकरी की संभावनाएँ प्रभावित होंगी।


4. परिवारों को होने वाली चुनौतियाँ
लंबे समय से अमेरिका में काम कर रहे H-1B वीजा धारकों के परिवारों पर भी इसका असर पड़ सकता है। बच्चों की पढ़ाई, स्थायित्व और जीवन-शैली में असुरक्षा बढ़ेगी।


5. नौकरी प्रवासन के विकल्पों की ओर रुझान
कई पेशेवर अब अमेरिका के बजाय कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की ओर रुख करने की सोच रहे हैं जहाँ वीजा नियम अपेक्षाकृत आसान हैं।



क्या राहत के संकेत हैं?

यह नया नियम मौजूदा H-1B वीजा धारकों पर लागू नहीं होगा।

भारत सरकार और IT उद्योग संगठन इस पर बातचीत कर रहे हैं और राहत की उम्मीद की जा रही है।



संभावित समाधान और रणनीतियाँ

1. वैकल्पिक देशों और बाजारों की तलाश – कनाडा, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में अवसर तलाशना।


2. Upskill और Remote काम – नई स्किल सीखकर और रिमोट जॉब्स अपनाकर खुद को प्रतिस्पर्धी बनाना।


3. कानूनी और वित्तीय तैयारी – वीजा नियम, आवेदन और टैक्स से जुड़ी सलाह लेना।


4. नीति संवाद – भारत सरकार को अमेरिका के साथ बातचीत कर भारतीय नागरिकों और कंपनियों की सुरक्षा करनी चाहिए।



निष्कर्ष

H-1B वीजा पर $100,000 की नई फीस भारतीय IT सेक्टर और प्रोफेशनल्स के लिए बड़ा झटका है। यह न केवल कंपनियों की लागत बढ़ाएगी बल्कि करियर और पारिवारिक स्थिरता पर भी असर डालेगी। हालांकि, वर्तमान वीजा धारक इससे प्रभावित नहीं होंगे और राहत की उम्मीद है। ऐसे में कंपनियों और प्रोफेशनल्स को वैकल्पिक रणनीतियों और नए अवसरों की ओर ध्यान देना होगा।




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