झारखंड में JAC का बड़ा फैसला: अब NCERT की किताबों से होगी पढ़ाई
रांची, झारखंड: शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) ने बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य के सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों में NCERT की किताबों से पढ़ाई कराई जाएगी। इस निर्णय को छात्रों के उज्ज्वल भविष्य और प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
झारखंड सरकार और JAC का मानना है कि राज्य में पढ़ाई का स्तर राष्ट्रीय स्तर से मेल खाना चाहिए। अभी तक JAC अपने अलग सिलेबस के आधार पर पढ़ाई कराता था, जिससे छात्रों को CBSE और अन्य राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में कठिनाई होती थी।
NCERT की किताबें देशभर में एक समान शिक्षा देने का सबसे बड़ा माध्यम मानी जाती हैं। इन्हें UPSC, JEE, NEET जैसी बड़ी परीक्षाओं के लिए भी मानक माना जाता है।
छात्रों और शिक्षकों को क्या होगा फायदा?
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राष्ट्रीय स्तर की समानता: अब झारखंड के छात्र CBSE बोर्ड के छात्रों के बराबर तैयारी कर पाएंगे।
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प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी आसान: JEE, NEET, UPSC जैसी परीक्षाओं में सीधा लाभ मिलेगा।
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समान सिलेबस: पूरे देश में एक जैसी पढ़ाई से छात्रों को कहीं भी एडमिशन लेने में दिक्कत नहीं होगी।
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शिक्षकों का प्रशिक्षण: शिक्षकों को भी नए सिलेबस के अनुसार ट्रेनिंग दी जाएगी।
किन क्लासों पर होगा असर?
JAC का यह फैसला कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के लिए लागू होगा। धीरे-धीरे सभी क्लासों में NCERT की किताबें लागू की जाएंगी। पहले चरण में 9वीं और 11वीं कक्षा से शुरुआत की जाएगी, उसके बाद अन्य कक्षाओं में भी इसे लागू किया जाएगा।
माता-पिता और शिक्षा विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
माता-पिता का कहना है कि यह कदम बच्चों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता के लिए तैयार करेगा। वहीं शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि NCERT की किताबें झारखंड में शिक्षा की गुणवत्ता को एक नया आयाम देंगी।
निष्कर्ष
झारखंड में JAC का यह फैसला शिक्षा जगत में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है। NCERT आधारित शिक्षा से छात्रों को बेहतर अवसर मिलेंगे और राज्य की शिक्षा व्यवस्था को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती मिलेगी।
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