JPSC सफलता की कहानी: खैरबनी की निहारिका रानी ने झारखंड में JPSC परीक्षा में चौथी स्थान हासिल करके परिवार, समाज और स्कूल का नाम रोशन किया है। योग्य निहारिका ने पहले भी BPSC में सफलता हासिल की थीं। परिवार की विद्या परंपरा और कड़ी मेहनत उनकी सफलता की मिसाल हैं।
परिवार में है विद्या की विरासत
निहारिका के पिता विजय गुप्ता वकील हैं, और उनके चाचा अजय साह डॉक्टर हैं। निहारिका को शुरू से ही इस शिक्षित और सेवा-प्रधान पारिवारिक पृष्ठभूमि ने ज्ञान और मेहनत का महत्व बताया। 2023 में उनके भाई रौशन ने NEET परीक्षा में सफलता हासिल की।
बचपन से ही रही मेधावी, BPSC में भी पाई थी सफलता
निहारिका बचपन से ही बहुत पढ़ाई करती हैं। उन्हें पहले भी बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा में सफलता मिली थी, लेकिन उनका लक्ष्य था कि झारखंड राज्य में अधिकारी बनकर सेवा करें। उन्होंने अपना सपना भी साकार कर दिखाया, अब JPSC में चौथे स्थान पर हैं।
मेहनत, अनुशासन और लक्ष्य ने दिखाया रास्ता
निहारिका की सफलता निरंतर मेहनत का परिणाम है। वे मानती हैं कि सपनों को सिर्फ देखने से नहीं, जिद और अनुशासन से जिया जाता है। उनकी सबसे बड़ी ताकतें थीं परिवार का सहयोग और फोकस।
बेटियों के लिए प्रेरणा बनी निहारिका
आज निहारिका पूरे राज्य के युवाओं, खासकर बेटियों, के लिए प्रेरणा बन गई हैं। उनका कहना है कि "अगर आपके घर में साधन सीमित भी हों, लेकिन सोच बड़ी हो, तो हर परीक्षा में सफलता मिल सकती है।" ”

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