RTE जनसनवाई ने कहा, "वह नहीं चाहतीं कि उनके बच्चे भी उनकी तरह मजदूरी करें" झारखंड की जनसुनवाई में मां की पीड़ा उजागर हुई

RTE Jansunwai Latehar में: लातेहार जिले के मनिका प्रखंड में शुक्रवार को जनसुनवाई हुई। जनसुनवाई, प्रखंड के 40 एकल शिक्षक विद्यालयों पर किए गए सर्वेक्षण पर आधारित थी। विभिन्न गांवों से आए अभिभावकों ने अपनी परेशानियों को बताया। करमाही गांव की कविता देवी ने कहा कि उन्हें अपने बच्चों का भविष्य है। वह नहीं चाहती कि उनके बच्चे भी दिहाड़ी काम करें।





RTE Jansunwai Latehar में: लातेहार जिले के मनिका प्रखंड में शुक्रवार को जनसुनवाई का आयोजन किया गया। जनसुनवाई, प्रखंड के 40 एकल शिक्षक विद्यालयों पर किए गए सर्वेक्षण पर आधारित थी। विभिन्न गांवों से आए अभिभावकों ने अपनी परेशानियों को बताया। अमुवाटीकर की सालमानी देवी ने कहा कि बच्चों को मध्याह्न भोजन देने के साथ स्कूल भी बंद कर दिया जाता है। जब वे अधिकारी से पूछती हैं, तो वह कहते हैं कि गाँव के बच्चे पढ़ने के लिए क्या करेंगे? करमाही गांव की कविता देवी ने कहा कि उन्हें अपने बच्चों का भविष्य है। वह नहीं चाहती कि उनके बच्चे भी दिहाड़ी काम करें। चतरा की गीता देवी ने कहा कि हर कोई स्कूल में क्या खाना मिला? लेकिन बच्चों को क्या पढ़ाया गया, कोई नहीं पूछता? उनका कहना था कि कुछ लोग निजी स्कूल या शिक्षा का खर्च नहीं उठा सकते। इसलिए सरकारी स्कूलों में अच्छी पढ़ाई जरूरी है। मायावती देवी ने कहा कि जब वे शिक्षकों से पढ़ाई की गुणवत्ता के बारे में पूछते हैं, तो वे सरकार पर सारी जिम्मेदारी डालकर बच निकलते हैं।

150 रुपए नहीं देने पर स्कूल यूनिफॉर्म नहीं मिला-अभिभावक

जमुना गांव की चिंता देवी ने बताया कि उनका स्कूल सिर्फ दो शिक्षकों से चलता है। एक व्यक्ति हमेशा अनुपस्थित रहता है, जबकि दूसरा व्यक्ति केवल ऑफिस के कामों में व्यस्त रहता है। चतरा की फुलिया देवी ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम का गांव में कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है। जनसुनवाई में अव्यवस्था और भ्रष्टाचार के आरोप भी सामने आए। करमाही स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) की सदस्य कुंती देवी ने बताया कि स्कूल में कोई नियमित बैठक नहीं होती है। भोजन मध्याह्न ठीक से नहीं दिया जाता है और शिक्षक ने हर विद्यार्थी से 150 रुपये की मांग की है कि वे कपड़े बांट दें। उनका बच्चा पैसे नहीं दे पाने के कारण यूनिफॉर्म नहीं पा सका।

बीईईओ का जवाब था चौंकानेवाला

जब प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ) राजश्री पुरी को एकल शिक्षक स्कूलों की समस्या बताई गई, तो उन्होंने कहा कि गांव का कोई भी इंटरमीडिएट पास व्यक्ति बच्चों को पढ़ा सकता है। भले ही उसे कोई भुगतान नहीं मिला हो। आईआईटी दिल्ली की प्रोफेसर रीतिका खेड़ा ने पूछा कि क्या वे ऐसे व्यक्ति से अपने बच्चों को पढ़ाना चाहेंगे? अधिकारी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

शिक्षकों की नियुक्ति से निकलेगा समाधान- ज्यां द्रेज

चर्चित अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज ने कहा कि एकल शिक्षक विद्यालयों की समस्या काफी हद तक हल हो सकती है अगर सरकार हाईकोर्ट द्वारा आदेशित 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति कर देती है, लेकिन आरटीई के अनुसार अभी भी अधिक शिक्षकों की आवश्यकता है।

जनता के साथ है धोखा- प्रो कुमार राणा

इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट के प्रो. कुमार राणा ने कहा कि पूरे स्कूल को एक शिक्षक ने चलाना चौंकाने वाला और गैरकानूनी है। जनता को धोखा मिलता है। उनका कहना था कि बैठक में उपस्थित कांग्रेस प्रवक्ता सुनीत शर्मा ने कार्यक्रम की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह की जनसभाएं बार-बार होनी चाहिए। यह जनसुनवाई स्पष्ट करती है कि झारखंड में सरकारी स्कूलों की स्थिति को सुधारना अत्यंत आवश्यक है। नरेगा वॉच के जेम्स हेरेंज ने कार्यक्रम को संचालित किया।

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