New RAW Chief: RAW को नवीनतम "खुफिया माहिर" मिल गया! ऑपरेशनों में अनुभवी, MBA और MA की डिग्रीधारी

New RAW Chief: RAW के नवीनतम प्रभारी जैन खुफिया कार्यों में माहिर हैं। उन्हें पब्लिक सर्विस में MBA और MA दोनों प्राप्त हुए हैं। उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा, जैसे कि "ऑपरेशन सिंदूर" जैसा बड़ा अभियान। वे तकनीकी और मानव खुफिया दोनों में माहिर हैं। उनकी नियुक्ति से RAW की शक्ति और अधिक बढ़ेगी।





New RAW Chief: कई लोगों को बचपन से ही देश की खुफिया एजेंसियों और उनके प्रमुखों के बारे में उत्सुकता है। यही कारण है कि पराग जैन को भारत की प्रमुख बाहरी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का नया अध्यक्ष बनाया गया है। 1 जुलाई 2025 से वे इस महत्वपूर्ण पद पर काम करेंगे। पराग जैन 30 जून को RAW के वर्तमान प्रमुख रवि सिन्हा की जगह लेंगे। यह बदलाव खुफिया संचालन में नई दिशा और नेतृत्व का संकेत देता है। (2025 में भारत का RAW प्रमुख)

RAW New Chief in Hindi: यूपीएससी टॉपर रह चुके हैं पराग जैन

1989 बैच पंजाब कैडर के आईपीएस अधिकारी पराग जैन ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता मिलने के बाद पुलिस सेवा में प्रवेश किया। वे पहले से ही पोस्टग्रेजुएट हैं और पब्लिक सर्विस में एमबीए की डिग्री हासिल की है। उन्हें आज भारत के सबसे बड़े खुफिया विभाग में नियुक्त किया गया है, यह उनकी बहुमुखी क्षमता का परिणाम है।


Indian RAW chief 2025 in Hindi: ‘सुपर जासूस’ के नाम से हैं मशहूर 

खुफिया क्षेत्र में पारग जैन को "सुपर जासूस" कहा जाता है। वे टेक्निकल इंटेलिजेंस (TECHINT) और ह्यूमन इंटेलिजेंस (HUMINT) को संतुलित करने में माहिर हैं। वे इस क्षमता के कारण कई बड़े और महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में सफल रहे हैं।



और हाल ही में उनका सबसे चर्चित ऑपरेशन, "सिंदूर", जिसमें वे पाकिस्तान और उसके नियंत्रण वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। मिनटों में यह ऑपरेशन पूरा हुआ, लेकिन इसके पीछे सालों की रणनीति और मेहनत थी, जिसका पराग जैन ने बखूबी नेतृत्व किया। उन्हें जम्मू-कश्मीर का जमीनी अनुभव और भी काबिल बनाता है।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का किया है प्रतिनिधित्व

पराग जैन ने भारत को कनाडा और श्रीलंका में प्रतिनिधित्व किया है। केंद्र में डीजीपी रैंक के समकक्ष पदों पर पहले भी उन्हें नियुक्त किया गया है। उस समय वे केंद्रीय डेपुटेशन पर थे, लेकिन 2021 में पंजाब के डीजीपी बने। इन अनुभवों ने उनकी खुफिया नेतृत्व क्षमता को बढ़ाया है, जिससे वे नए पदों पर चुने गए हैं।

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